Luxury Brands:-लग्जरी ब्रांड्स (luxury brands) ने अपनी विशिष्टता और ब्रांड इमेज बनाए रखने के लिए एक अजीब परंतु प्रभावी कदम उठाया है। हर साल कई लग्जरी ब्रांड्स अपने करोड़ों रुपये के प्रोडक्ट्स को जलाकर या नष्ट करके नुकसान उठाते हैं। यह सुनने में शायद अजीब लगे, लेकिन इसके पीछे एक खास लॉजिक है।
क्यों बर्बाद कर देते हैं अपने ही प्रोडक्ट्स
लग्जरी ब्रांड्स अपने कपड़ों, जूतों, एक्सेसरीज, आदि जैसे न बिकने वाले प्रोडक्ट्स को जलाकर या नष्ट कर देते हैं ताकि उन्हें कम दामों पर न बेचा जा सके। वे ऐसा इसलिए करते हैं ताकि उनकी ब्रांड इमेज और एक्सक्लूसिविटी को नुकसान न पहुंचे। ब्रांड्स नहीं चाहते कि उनके प्रोडक्ट्स आसानी से उपलब्ध हो जाएं या सस्ते में बिकने लगें।
इन पॉइंट्स से समझें पूरी बात:
ब्रांड प्रतिष्ठा बनाए रखना:
लग्जरी ब्रांड्स अपनी प्रतिष्ठा और लालसा को बनाए रखने के लिए दुर्लभता और ऊँची कीमतों पर निर्भर करते हैं। अगर उनके प्रोडक्ट्स सस्ते में बिकने लगे, तो ब्रांड की इमेज को बड़ा नुकसान हो सकता है।ग्रे मार्केट से बचाव:
न बिके उत्पादों को रियायती दामों पर बेचना या उन्हें “ग्रे मार्केट” में लीक होने देना, ब्रांड की छवि को प्रभावित कर सकता है और उनकी प्राइसिंग स्ट्रेटजी पर भी असर डाल सकता है।स्पेशल और प्रीमियम बने रहना:
न बिके उत्पादों को नष्ट करके, ब्रांड यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके प्रोडक्ट्स स्पेसिफिक और स्पेशल बने रहें, जिससे उनका हाई-स्टेटस और एक्लूसिविटी बरकरार रहे।कॉपी को रोकना:
ऐसे उत्पादों को नष्ट करना उनकी कॉपी और नकल को रोकने का एक तरीका हो सकता है। इससे उनके उत्पादों की नकल करने वाले बाजार में एक जरा सा भी मौका नहीं मिलता।कॉस्ट मैनेजमेंट:
रिपोर्ट्स के अनुसार, बिना बिके प्रोडक्ट्स की इंवेंट्री रखना कुछ कंपनियों के लिए महंगा हो सकता है। ऐसे में इन प्रोडक्ट्स को नष्ट करना एक लागत को कंट्रोल करने का तरीका बन सकता है।
आलोचना और बदलाव
हालांकि, कुछ ब्रांड्स को इस प्रेक्टिस के चलते आलोचना भी झेलनी पड़ी है। ऐसे में कुछ कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स को दान करने का विकल्प अपनाया है, ताकि उनके उत्पादों का सही उपयोग हो सके और ब्रांड की इमेज भी प्रभावित न हो।