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छोटे किसानों से भी होगा बीज अनुबंध, ‘श्वेत क्रांति 2.0’ से आएगी विकास की बयार; अमित शाह ने बताया रोड मैप

किसानों :-केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सहकारिता मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की दूसरी बैठक में कहा कि सरकार ने छोटे किसानों के लिए बड़ी योजनाएं बनाई हैं। इसके तहत अब परंपरागत बीजों के संरक्षण के लिए छोटे किसानों से भी अनुबंध किए जाएंगे। अमित शाह ने यह भी कहा कि सरकार की मंशा सहकारी समितियों को केवल सामाजिक संगठनों तक सीमित न रखकर, उन्हें व्यावसायिक और प्रतिस्पर्धी इकाइयों में बदलने की है।

2 लाख सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य

अमित शाह ने इस दौरान बताया कि सरकार ने अगले पांच वर्षों में 2 लाख बहुउद्देशीय सहकारी समितियों के गठन का लक्ष्य रखा है। अब तक 35,395 समितियां बन चुकी हैं। इन समितियों में कृषि ऋण, डेरी, बीज, और जैविक उत्पादों से जुड़ी समितियां भी शामिल हैं। भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड अब बीजों के संरक्षण, संग्रहण और उत्पादन का कार्य कर रही है, और छोटे किसान भी इससे जुड़ेंगे।

सरकार ने की सहकारिता के क्षेत्र में कई बड़ी पहलें

अमित शाह ने कहा कि सरकार ने कई योजनाओं के तहत सहकारी समितियों को बढ़ावा दिया है। इनमें राष्ट्रीय सहकारी आर्गेनिक लिमिटेड और राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड शामिल हैं, जो किसानों के जैविक उत्पादों की प्रमाणीकरण और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने का कार्य करती हैं। इसके जरिए किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल रहा है।

‘श्वेत क्रांति 2.0’ के तहत 50 प्रतिशत दूध संग्रह करने का लक्ष्य

अमित शाह ने ‘श्वेत क्रांति 2.0’ की भी घोषणा की, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में सहकारी समितियों के माध्यम से देश का 50 प्रतिशत दूध संग्रह करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 15,691 नई डेरी सहकारी समितियां पंजीकृत हो चुकी हैं, और 11,871 मौजूदा समितियों को और मजबूत किया गया है। इसके साथ-साथ, बायोगैस संयंत्र की स्थापना के लिए समझौते भी किए गए हैं।

सहकारिता क्षेत्र के लिए त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की शुरुआत

सहकारिता क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए हाल ही में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है। यह विश्वविद्यालय सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण की एक सशक्त प्रणाली तैयार करेगा, जिससे क्षेत्र को कुशल मानव संसाधन मिल सकेगा।

राष्ट्रीय सहकारी नीति-2025

अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सहकारी नीति-2025 देश में सतत सहकारी विकास का रोडमैप है। इस नीति के तहत सहकारिता क्षेत्र को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और राष्ट्रीय डेरी विकास कार्यक्रम जैसी योजनाओं से जोड़ा जाएगा, जिससे जमीनी स्तर पर इसका प्रभाव और व्यापक हो सके।

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